बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 भूगोल बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 भूगोलसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 भूगोल - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- वानिकी में सुदूर संवेदन के अनुप्रयोगों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर -
वानकी जीवन के लिए वन सबसे महत्वपूर्ण संसाधन है। वनों के माध्यम से भोजन, निवास, जंगली जीव, ईंधन तथा कई वन उत्पाद प्रदान करते हैं। वनों के संरक्षण का मुख्य मुद्दा यह है कि प्राकृतिक एवं मानवीय क्रियाओं के कारण प्राकृतिक वनस्पति आवरण में बहुत कमी आ रही है। आग तथा बीमारी प्राकृतिक कारणों में प्रमुख हैं। इसी प्रकार कटान, जलाना, अनाधिकृत कब्जा तथा भूमि उपयोग परिवर्तन आदि कई मानवीय कारक हैं जो जंगलों के ह्रास के लिये उत्तरदायी हैं।
व्यापारिक विदोहन से अधिक वनों के क्षेत्रफल एवं आवरण में कमी की समस्या कई व्यापारिक कारणों से भी पैदा हुई है। वनों को काट कर कृषि भूमि तथा चरागाहों में परिवर्तित और नगरीयकरण इसके उदाहरण हैं। दून घाटी में इस प्रकार के उदाहरण देखने को मिलते हैं। अतिक्रमण, भूमिगत जल में कमी, आग लगना, अकाल पड़ना तथा प्राकृतिक आपदायें इत्यादि कई ऐसे कारण हैं जो सीधे वनों के ह्रास के लिये जिम्मेदार हैं। ऐसे में इन विनाशकारी तत्वों का प्रबोधन करना एक बड़ी चुनौती है। वनों के ह्रास से कई पर्यावरणीय समस्यायें भी उत्पन्न हुई हैं क्योंकि जंगलों के धुएँ से पूरा वायुमण्डल प्रदूषित होता है और वायुमण्डल में कार्बनडाई ऑक्साइड गैस की मात्रा बढ़ती है।
वर्तमान में इन समस्याओं के प्रबोधन और उनके प्रबन्धन की योजना बनाना समय की मांग है। ऐसी स्थिति के लिये त्वरित एवं उपयुक्त साधन सुदूर संवेदन है जो इस प्रकार के परिवर्तनों की जानकारी हमें देता है। वानकी के अन्तर्गत सुदूर संवेदन के प्रमुख उपयोग निम्न हैं-
(1) बायोमास आकलन
(2) वृद्धि स्टॉक आकलन
(3) आग का निर्धारण तथा मानचित्रण
(4) वन आवरण का मानचित्रण
(5) प्रजातियों का आकलन
(6) वन विभाग का मानचित्रण
(7) वनस्पति घनत्व का मानचित्रण
वनस्पति में बदलाव
बहुकालिक सुदूर संवेदन आँकड़े प्राकृतिक वनस्पति की परिवर्तनशीलता को दर्शाते हैं। पूर्व वर्षों के बिम्बों की तुलना वर्तमान बिम्बों से करने पर वनों के आकार और ह्रास के विस्तार को मापा जा सकता है। उच्च विभेदन वाले आँकड़े वनों के विलुप्त होने के विस्तृत दृश्य प्रस्तुत करते हैं। सुदूर संवेदन युक्तियाँ ऐसे क्षेत्रों की भी सूचनायें प्रदान करती हैं जो प्रायः मनुष्य की पहुँच से बाहर होते हैं। कभी-कभी ऐसे क्षेत्र जहां पर अवैधानिक कटान निरन्तर जारी हो और उसकी कोई जानकारी न हो तो ऐसे क्षेत्रों के लिए सुदूर संवेदन आँकड़े प्रयोग किये जा सकते हैं।
प्रजातियों की पहचान एवं मानचित्रण
सुदूर संवेदन के माध्यम से विभिन्न आंकड़े अलग-अलग मापक पर उपलब्ध होते हैं। वृहत मापनी पर प्रजातियों की पहचान बहुस्पेक्ट्रल, हाईपरस्पैक्ट्रल या वायु फोटो आँकड़ों से की जा सकती है जबकि लघु मापनी पर प्रजातियों के आवरण एवं सीमांकन, रडार या बहुस्पैक्ट्रल आंकड़ा विश्लेषण से ज्ञान किया जा सकता है। इमेजरी एवं प्राप्त सूचनाओं को पुनः जी०आई०एस० में एकीकृत कर कई अन्य सूचनायें प्राप्त की जा सकती हैं। जी०आई०एस० ढाल, सीमायें, सड़क अधिवास आदि की भी जानकारी देता है। सुदूर आँकड़ों की महत्वता का अंदाजा इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि भारतीय वन सर्वेक्षण विभाग प्रति दो वर्ष के अन्तराल पर सम्पूर्ण भारत के लिये सुदूर संवेदन आँकड़ों की सहायता से ही वानिक मानचित्र तैयार करता है।
वनों में आग का मानचित्रण
जंगलों में आग बड़ी तेजी से फैलती है। जंगलों में लगी आग से अधिवासों, जंगली जीवों, लकड़ी आदि का विनाश होता है। आग के प्रसार के नियंत्रण की आवश्यकता के लिये पर्याप्त सूचनाओं की आवश्यकता होती है।
सुदूर संवेदन का उपयोग वन क्षेत्रों के अग्नि के प्रबोधन तथा संसूचना के लिये किया जा सकता है। आग लगने के बाद प्रजातियों में पुनः पुर्नवृद्धि होती है। इस तरह के अध्ययनों में सुदूर संवेदन बेहतरीन संशोधन होता है तथा निरन्तर संवेदन सुविधायें प्रदान करता है। कभी-कभी कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जो मनुष्य की पहुँच से बाहर होते हैं। सुदूर संवेदन ऐसे क्षेत्रों की आग की जानकारी व प्रसार की सूचना सम्बन्धित लोगों तक पहुँचाता है। NOAA, AVHRR तापीय आँकड़े तथा GOES के जलवायु सम्बन्धी आँकड़े की सहायता से सक्रीय अग्नि प्रसार का निर्धारण किया जा सकता है जबकि ऑप्टीकल संवेदन धुएँ, धुन्ध या अँधेरे से छुप जाता है।
भुदूर संवेदन आँकड़ों से जले भाग और जल रहे भाग के सम्बन्ध में अलग-अलग जानकारी प्राप्त होती है जिससे आग की दिशा व गति का पता लगाया जा सकता है। इस तकनीक से आग के बचाव तथा पहुँच वाले क्षेत्रों में निचले स्तर से योजना बनाने के लिये पर्याप्त सूचनायें प्राप्त होती हैं। इसे आग से लड़ने के लिये तार्किक सहायता प्राप्त होती है। आग लगने के एक वर्ष बाद किसी एकल विम्ब द्वारा प्रजातियों के पुनर्उत्थान स्तर की जानकारी ली जा सकती है। इसी प्रकार बहुकालिक संवेदक, द्वारा वनस्पति की वृद्धि का आकलन किया जा सकता है।
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- प्रश्न- सुदूर संवेदन से आप क्या समझते हैं? विभिन्न विद्वानों के सुदूर संवेदन के बारे में क्या विचार हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भूगोल में सुदूर संवेदन की सार्थकता एवं उपयोगिता पर विस्तृत लेख लिखिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन के अंतर्राष्ट्रीय विकास पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन के भारतीय इतिहास एवं विकास पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन के लाभ लिखिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन के विषय क्षेत्र पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भारत में सुदूर संवेदन के उपयोग पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदी के प्रकार लिखिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन की प्रक्रियाएँ एवं तत्व क्या हैं? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- उपग्रहों की कक्षा (Orbit) एवं उपयोगों के आधार पर वर्गीकरण प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- भारत के कृत्रिम उपग्रहों के कुछ उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- कार्य के आधार पर उपग्रहों का विभाजन कीजिए।
- प्रश्न- कार्यप्रणाली के आधार पर सुदूर संवेदी उपग्रह कितने प्रकार के होते हैं?
- प्रश्न- अंतर वैश्विक स्थान निर्धारण प्रणाली से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- भारत में उपग्रहों के इतिहास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भू-स्थाई उपग्रह किसे कहते हैं?
- प्रश्न- ध्रुवीय उपग्रह किसे कहते हैं?
- प्रश्न- उपग्रह कितने प्रकार के होते हैं?
- प्रश्न- सुदूर संवेदन की आधारभूत संकल्पना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के सम्बन्ध में विस्तार से अपने विचार रखिए।
- प्रश्न- वायुमण्डलीय प्रकीर्णन को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रमी प्रदेश के लक्षण लिखिए।
- प्रश्न- ऊर्जा विकिरण सम्बन्धी संकल्पनाओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। ऊर्जा
- प्रश्न- स्पेक्ट्रल बैण्ड से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- स्पेक्ट्रल विभेदन के बारे में अपने विचार लिखिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन की विभिन्न अवस्थाओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन की कार्य प्रणाली को चित्र सहित समझाइये |
- प्रश्न- सुदूर संवेदन के प्रकार और अनुप्रयोगों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय वर्णक्रम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन के प्लेटफॉर्म से आपका क्या आशय है? प्लेटफॉर्म कितने प्रकार के होते हैं?
- प्रश्न- सुदूर संवेदन के वायुमण्डल आधारित प्लेटफॉर्म की विस्तृत विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भू-संसाधन उपग्रहों को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- 'सुदूर संवेदन में प्लेटफार्म' से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- वायुयान आधारित प्लेटफॉर्म उपग्रह के लाभ और कमियों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- विभेदन से आपका क्या आशय है? इसके प्रकारों का भी विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- फोटोग्राफी संवेदक (स्कैनर ) क्या है? इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन में उपयोग होने वाले प्रमुख संवेदकों (कैमरों ) का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हवाई फोटोग्राफी की विधियों की व्याख्या कीजिए एवं वायु फोटोचित्रों के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- प्रकाशीय संवेदक से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- सुदूर संवेदन के संवेदक से आपका क्या आशय है?
- प्रश्न- लघुतरंग संवेदक (Microwave sensors) को समझाइये |
- प्रश्न- प्रतिबिंब निर्वचन के तत्वों का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन में आँकड़ों से क्या तात्पर्य है?
- प्रश्न- उपग्रह से प्राप्त प्रतिबिंबों का निर्वचन किस प्रकार किया जाता है?
- प्रश्न- अंकिय बिम्ब प्रणाली का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- डिजिटल इमेज प्रक्रमण से आप क्या समझते हैं? डिजिटल प्रक्रमण प्रणाली को भी समझाइए।
- प्रश्न- डिजिटल इमेज प्रक्रमण के तहत इमेज उच्चीकरण तकनीक की विस्तृत व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- बिम्ब वर्गीकरण प्रक्रिया को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- इमेज कितने प्रकार की होती है? समझाइए।
- प्रश्न- निरीक्षणात्मक बिम्ब वर्गीकरण और अनिरीक्षणात्मक बिम्ब वर्गीकरण के मध्य अंतर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भू-विज्ञान के क्षेत्र में सुदूर संवेदन ने किस प्रकार क्रांतिकारी सहयोग प्रदान किया है? विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- समुद्री अध्ययन में सुदूर संवेदन किस प्रकार सहायक है? विस्तृत विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वानिकी में सुदूर संवेदन के अनुप्रयोगों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कृषि क्षेत्र में सुदूर संवेदन प्रौद्योगिकी की भूमिका का सविस्तार वर्णन कीजिए। साथ ही, भारत में कृषि की निगरानी करने के लिए सुदूर संवेदन प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने हेतु सरकार द्वारा आरम्भ किए गए विभिन्न कार्यक्रमों को भी सूचीबद्ध कीजिए।
- प्रश्न- भूगोल में सूदूर संवेदन के अनुप्रयोगों पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- मृदा मानचित्रण के क्षेत्र में सुदूर संवेदन के अनुप्रयोगों की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- लघु मापक मानचित्रण और सुदूर संवेदन के मध्य सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र का अर्थ, परिभाषा एवं कार्यक्षेत्र की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के भौगोलिक उपागम से आपका क्या आशय है? इसके प्रमुख चरणों का भी वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के विकास की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली का व्याख्यात्मक वर्णन प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के उपयोग क्या हैं? विस्तृत विवरण दीजिए।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र (GI.S.)से क्या तात्पर्य है?
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र का कार्य क्या है?
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के प्रकार समझाइये |
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र की अभिकल्पना का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के क्या लाभ हैं?
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में उपयोग होने वाले विभिन्न उपकरणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में कम्प्यूटर के उपयोग का विस्तृत विवरण प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- GIS में आँकड़ों के प्रकार एवं संरचना पर प्रकाश डालिये।
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- प्रश्न- कार्टोग्राफिक संकेतीकरण त्रिविम आकृति एवं मानचित्र के प्रकार मुद्रण विधि का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- रॉस्टर मॉडल की कमियों और लाभ का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विक्टर मॉडल की कमियों और लाभ के सम्बन्ध में अपने विचार लिखिए।
- प्रश्न- रॉस्टर और विक्टर मॉडल के मध्य अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- डेटाम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।